Thursday, November 17, 2016

शामत किसकी?

मन्दिर के बाहर 
लाईन में लगे भिखारियों में से एक ने
जब एक महिला की तरफ हाथ बढ़ाया

महिला ने कहा 
आज तो भगवान को भी नही चढ़ाया
खुद 3 किलोमीटर पैदल चलकर आई हूं
10 रूपए बचाए हैं
अगर छुट्टे दो
तो 2 रूपए दूं...

भिखारी ने आंखो के इशारे से
सामने कथढ़ी पर भिखरे 
तीन सिक्के दिखलाते हुए कहा
और कोई समय होता
तो ये गरीब आपको 100
के भी छुट्टे दे देता
आज सुबह से
बस इतनी ही कमाई है
ब्लैक मनी वालों का तो पता नहीं
हम गरीबों की शामत आई है।

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