Monday, August 20, 2012

दो शिक्षकों का संवाद


शि१: अब तो सरकारी स्कूलों में सिर्फ गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों के ही बच्चे पढ़ते हैं.
शि२: जो न क्लास में आते हैं और नहीं ट्यूशन पढने.
शि१: और जब फेल हो जाते हैं  तब उनका दिमाग खुलता है.
         इस बार तो हमारे स्कूल में 34 बच्चों की सप्लीमेंट्री थी (शायद हाई स्कूल में).
         सप्लीमेंट्री परीक्षा में 29 बैठे, जिसमें से 18 को मैंने पास करवा दिया.
शि२: बहुत ज्यादा को करवा दिया.
शि१: हाँ थोडा कष्ट हुआ 3-4 बार अनुपपुर आना जाना पड़ा.
        किसी से 500 लिए तो किसी से 800.
        जो देर से आया तो उसके लिए रेट बढ़ता गया.
        बात कर ली थी, हमें ही कॉपी और रिजल्ट बनाने को दे दिया.
        कुल  9000 इकठ्ठा हुए, 1500 वहां पहुचाये.
शि२: बड़े कम लोग चढ़े यहाँ से ट्रेन में 
शि१: अरे आगे लोकल निकली हैं ना. इसीलिए.
        लोगों का क्या है जो ट्रेन मिली चढ़ गए. कौन सा टिकेट लेना है.

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