Monday, November 18, 2013

वो गुज़र गये

दिवाली की सुबह मेरे बड़े भाई साहब सोनू और भतीजा नानू एक सड़क हादसे में गुज़र गये।

1 comment:

  1. शांत सकी हो अब तक साकी,
    पी कर किस उर की ज्वाला,
    और-और की रटन लगाता,
    जाता हर पीने वाला।

    कितनी इच्छायें हर जाने वाला
    छोड़ यहां जाता।
    कितने अरमानों की बनकर
    कब्र खड़ी है
    मधुशाला. . . .

    ReplyDelete