शायद सांप भी इंसान से उतना ही डरते हों जितना कि इंसान सांप से। खैर ये डर एकतरफ़ा हो या दोतरफ़ा, मैं अपनी बात जानता हूं। आज अपने घर के जालीदार अहाते में बैठा कुछ लिख रहा था तो ये महोदय या महोदया मुझसे बस 1 मीटर की दूरी पर टहल रहे थे। इन दिनों बहुत बारिश हो रही है यहां, शायद उसी का नतीजा हो वरना मैंने इस तरफ़ नहीं देखा था इन्हें। मेरे तो पूरे शरीर में सिरहन दौड़ गई। आंख बंद करता हूं तो उनकी वो मस्त चाल डरा जाती है। अभी भी उनके बारे में सोच-सोचकर दिल की धड़कनें बढ़ा रहा हूं और घर की खिड़कियां बंद कर रहा हूं ।
दया हो उनकी जो मेरी तरफ नही आये और मौका दिया कि ये तस्वीर उतार लूं।
दया हो उनकी जो मेरी तरफ नही आये और मौका दिया कि ये तस्वीर उतार लूं।
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