जन्मदिन हर बार जोड़ जाता है
एक पन्ना
मेरी ज़िन्दगी की किताब में
उस पन्ने पर
छाप है
एक पन्ना
मेरी ज़िन्दगी की किताब में
यही तोहफा है उसका
मेरे लिए
मेरे लिए
उस पन्ने पर
छाप है
कुछ पिछले पन्नों की
बाकि खाली है
लिखने को
मेरे और दूसरों के लिए
सच ही तो है
मेरी ज़िन्दगी की किताब
मैं अकेला कहाँ लिख रहा हूँ
कई हाथ शामिल हैं
इसे लिखने में
हाँ ये बात और है कि
इनमे से कुछ की शक्लें मैं पहचानता हूँ
कुछ को नामों से जानता हूँ
और
अनगिनत ऐसे भी हैं
जिन्हें कभी देखा नहीं
सुना भी नहीं
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