Monday, April 11, 2011

उनका सन्देश

वो कहते हैं हमसे
कि उन्हें गर्व है
इन भव्य इमारतों पर
बड़ा खुश होते हैं
वो इन्हें देखकर

और  ये भी कहते हैं कि
हमें भी होना चाहिए
गर्व
इन स्वर्ग सी इमारतों पर
जिन्हें बनाने वालों की विदाई
अब वहां से हो चुकी है.

हम गर पूछते हैं उनसे
कि वो कहाँ गए
तो जवाब मिलता है
जिस नरक से आये थे
वहीं लौट गए
पर तुम उनके बारे में
मत सोचो.

वो कहते हैं
कि भले ही
हम लोगों ने हमेशा
गीता के सन्देश
कर्म करो फल की चिंता मत करो
की दुहाई दी है
पर वो सन्देश
हमारे लिए नहीं है
उनके लिए है
जो चले गए .

हमारे लिए सन्देश
अलग है
फल खाओ और कर्म की चिंता मत करो
और ना उनकी
जो कर्म कर रहे हैं.
समझे....

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