Monday, August 10, 2015

दुविधा

वो आज फिर लौट आया 
रेलवे स्टेशन से.....

सोचता रहा 
टिकेट की लाइन में खड़े-खड़े,
कि जाए खुद पास माँ के
जो बीमार पड़ी है गाँव में,
या भेज दे मनी आर्डर,
किराए का पैसा जोडकर,
ईलाज के लिए.....

और ट्रेन चली गई,
उसे पीछे छोड़कर,
उस अनजान शहर में,
अकेला.....

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