दिन:
15 अगस्त 2015
जगह:
नर्मदा एक्सप्रेस, कोच: एस 7
किरदार:
एस. कुमार, बिल्ला नंबर 105, रेल्वे पुलिस सुरक्षा बल
एक नया रंगरूट
एक मूंगफली वाला
घटना:
क्यूं बे भोषिड़ी के, तैं ही रहे ना परसों जो देख के भागे रहे?
अरे नहीं सरकार, आप से भाग के कहां जायेंगे। कुछ खिलाऊं?
साले, पहले 20 निकाल और फिर सबको खिला।
अरे जाने दीजिये ना सर, आज के दिन, छोड़ दीजिये।
अरे काहे छोड़ दें, जब हमहुं आज़ाद नहीं तो ये मादरचोद काहे की आज़ादी मनायेंगे।
चल बे जल्दी कर।
15 अगस्त 2015
जगह:
नर्मदा एक्सप्रेस, कोच: एस 7
किरदार:
एस. कुमार, बिल्ला नंबर 105, रेल्वे पुलिस सुरक्षा बल
एक नया रंगरूट
एक मूंगफली वाला
घटना:
क्यूं बे भोषिड़ी के, तैं ही रहे ना परसों जो देख के भागे रहे?
अरे नहीं सरकार, आप से भाग के कहां जायेंगे। कुछ खिलाऊं?
साले, पहले 20 निकाल और फिर सबको खिला।
अरे जाने दीजिये ना सर, आज के दिन, छोड़ दीजिये।
अरे काहे छोड़ दें, जब हमहुं आज़ाद नहीं तो ये मादरचोद काहे की आज़ादी मनायेंगे।
चल बे जल्दी कर।
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