Friday, February 25, 2011

ये ब्लॉग क्यूँ ?

कभी कभी कुछ लिख लेता हूँ...वही बांटने के लिए ये ब्लॉग बनाया है...उम्मीद है इस ब्लॉग के चलते मेरे दिमाग और साथ ही मेरे जीवन में क्या चल रहा है साथियों तक पहूँचता रहेगा...

अब प्रश्न ये कि ये नाम क्यूँ , पोटली बाबा की ?

वो इसलिए कि मुझे लगता है कि हम सभी का जीवन एक पोटली है...असल ये पूरी दुनियां, ये पूरी सृष्टी ही पोटली है बाबा की...जो कुछ भी मिला है...वो इसी पोटली से...जो कुछ भी जान समझ पायें हैं...वो इसी पोटली के ज़रिये...इसीलिए ये नाम ताकि हमेशा ये बात याद रहे कि मैंने जो लिखा या मुझसे जो लिखा गया वो इस पोटली का ही दिया हुआ है...मेरी तो बस अभिव्यक्ति है...साहिर का एक शेर इस बात को बहुत ही सुन्दर तरीके से रखता है...

दुनियां ने तजुरबातो-हवादीस की शक्ल में
जो कुछ मुझे दिया है वो लौटा रहा हूँ मैं

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